Wednesday 8 July 2020

दिले नादां तुझे हुआ क्या है --- मिर्ज़ा ग़ालिब


mirza ghalib hindi
Mirza Asad Ullah Khan Ghalib


दिले नादां तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है

हम हैं मुशताक और वो बेज़ार
या इलाही ये माजरा क्या है

मैं भी मूंह में ज़ुबान रखता हूं
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है

जबकि तुज बिन नहीं कोई मौजूद
फिर ये हंगामा-ए-ख़ुदा क्या है

ये परी चेहरा लोग कैसे हैं
ग़मज़ा-ओ-इशवा-यो अदा क्या है

शिकने-ज़ुल्फ़-ए-अम्बरी क्या है
निगह-ए-चशम-ए-सुरमा क्या है

सबज़ा-ओ-गुल कहां से आये हैं
अबर क्या चीज है हवा क्या है

हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है

हां भला कर तेरा भला होगा
और दरवेश की सदा क्या है

जान तुम पर निसार करता हूं
मैं नहीं जानता दुआ क्या है

मैंने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब'
मुफ़त हाथ आये तो बुरा क्या है

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